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ये अकिंचन तू अब तक कहां था बेहाल मजदूर रूप दौलत हमदर्दी दिल सुकून इलाज भरोसा चैन स्वस्थ चिकित्सक मन दर्शक शोर इंसान दिखावे गरीब रोटी

Hindi गरीब और हमदर्दी Poems